Wednesday, May 2, 2012

ईश्वर का वरदान

जय निर्मलसांईदत्तभैरव की ......ईश्वर का वरदान जो उन्होने मुझे बिना किसी परेशानी का इतना ज्ञान दिया है मैं तो अपने आपको बस ज्ञानहीन उनका परमसेवक मानकर ही इस जीवन की नैया को पार कर रहा हूं मेरे सांई निरंतर मेरे परिवार पर कृपा बरसाते रहते है और मैं नित्यक्षण उनकी सत्ता को महसूस करता रहता हूं तथा उनकी सत्ता के आशीर्वाद से जी रहा हूं मैं कम्प्यूटर पर ज्योतिष का काम भी करता हूं वह भी उनकी मेहरबानी है।
    ईश्वर ने उसके कम्प्यूटर में सबका डाटा फिट कर उसके सभी साटवेयर पहले से ही अपडेट कर रखे है जो भी होता है जो जो भी होना है और जो जो भी हुआ है वह पहले से ही फिक्स और उनके कम्प्यूटर में इंस्टाल है बस हम उसे देख नहीं पाते हैं।
    मेरा मानना यह है कि जैसे हर 12 घंटे के बाद 1 बजती है हर हप्ते में गुरूवार फिर आना है हर माह में 1 तारीख फिर से आना है हर 24 घंटे के बाद सूर्य फिर आकर अस्त होना है हर वर्ष में जनवरी फिर आना है उसी प्रकार 29 तारीख हर चार वर्ष में आना है। 80 वर्ष बाद केलेंडर रिपिट होता है उसी प्रकार हम तुम जिस स्थिति में यहां बैठे जो हमारे माता पिता भाई बहन साले सगे संबंधी है वे कई सालों बाद यहां पर फिर से उसी रूप में आपको मिलेंगे जिससे आपके नाते रिश्ते है उन्हीं से आपके रिश्ते नाते जुड़ना तय है इसलिए जो भी करो उसे परमात्मा सांई के चरणों में समर्पित कर दो यहां की मोह माया और पैसा इकट्ठा करने में अपने धर्म को मत गंवाओं
... जय सांईनाथ