MERe KISMAT NE MUZE AISA NAVAJA
DE DALA EK ASNOO
DUNIYA ME AISA KOI GHAR NAHI
JISKA KHATKHATAYA NAHI MAINE DARWAJA
MERI KISMAT NE MUZE AISA NAVAJA
DE DALI EK JINDAGI
DAR DAR B HATAKTA RAHA
CHHODA NA KOI GURUDWARA, MANDIR NA PLAZA
MERI KISMAT NE MUZE AISA NAWAJA
DE DALI EK HANSI
KAR DI MERI SHADI
DE DALA MUZE EK NAWASA
AUR MUZE KAHA JAA
AB JINDAGI BHAR KAR MAZAAAAAAA.
VIASE MAIN LIKHNE KI KOSHISH KAR RAHA HAOON KOI GALTI HOTO KRAPAYA MARGADARSHAN KARE.
Friday, April 25, 2008
मेरे पूज्य पिताजी जिनके दर्शन के बाद मुजे मन्दिर जाने की जरुरत नही थी. उन्हें मेरा कोटी कोटी परनाम. उनकी आत्मा को शान्ति मिले. पित्र देवो भाव
esjk uke y{e.k firk jfryky lksuh gSA eS e/;izns’k ds cM+okuh ftys ds lsa/kok rglhy esa jgrk gwa tks egkjk"Vª lhek ls ek= 16 fdeh nwj clk gqvk gSA esjh f’k{kk 1993 esa nloh rd ikl gqvk A esjs thou dk lcls vkuane;h le; Fkk esjh ikapoh d{kk ds le; dkA Hkkjrh; 'kklu }kjk tokgj uoksn; foky; dk ftl le; izkjaHk fd;k FkkA mlh le; eSa egkjk"Vª ds Øekad 15 tks fd Hkroky VkWdht ds ikl fLFkr Fkh A mlesa is mudk uke ;kn ugha A esjh vknr Fkh fd lj dqN Hkh djrs jgrs Fks rks muds ikl [kM+s jgdj iwNk djrk Fkk lj vki D;k dj jgs gksA rks lj us dgk y{e.k ;g uoksn; foky; ds izos’k ijh{kk ds QkeZ Hkjs tk jgs gS rw rks cMk VsysaV gS rsjk QkeZ Hkj nwaA esjs euk djus ij Hkh mUgksus esjh ;ksX;rk rks ns[krs gq, QkeZ Hkj fn;k A vkSj eSus ijh{kk Hkh ns nh A mlds 5 efguksa esa eS vkSj esjs ifjokj esa lHkh yksx ;g Hkwy x;s Fks fd eSus uoksn; dh ijh{kk ns j[kh gSA
,d fnu og Hkh vk;k fd ikVhy lj lqcg 11 cts gekjs ?kj i/kkjs vkSj is
,d fnu og Hkh vk;k fd ikVhy lj lqcg 11 cts gekjs ?kj i/kkjs vkSj is
Harsh Computer sendhwa ka karnama
डेअर सर
सेंध्वा तहसील मे वेसे तो कंप्यूटर की कई दुकाने है परन्तु सबसे पुरानी और सबसे अच्छी दुकान है किरण कंप्यूटर जिसका वर्तमान मे नाम परिवर्तन कर दीया है अभी इस दूकान का नाम है हर्ष कोम्पुतेर्स एवं इंटरनेट इस दूकान की एक खासियत य है की इस दुकान का यानि की मैं लाक्स्मन सोनी लाक्स्मन सोनी पिच्च्ले १५ सालों से कंप्यूटर एवं इंटरनेट के कार्य करता आ रहा हूँ। जीस कारन से मेरा कार्य अत्यन्त शुद्ध एवं त्रुत्री विहीन होने के वजह से लोग मुजे पसंद करते है। मैं १२ वी तक पढ़ा और गरीबी परिस्थिति के कारन मैंने पढ़ाई छोधाकर हिन्दी इंग्लिश मराठी टाइपिंग की परीक्षाएं पास कर ली एवं कंप्यूटर का महाराष्ट्र से MSCITka Diploma 83% से उत्तीर्ण कर लिया है। मेरी दूकान २००३ मैं मैंने बैंक ऑफ़ इंडिया से प्रधान मंत्री रोजगार योजना मैं लोन लेकर शुरुआत की थीई एवं फोटो कापी मशीन के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से लोन लिया था। और इस तरह MehanaT से मैंने अपना मुकाम पा लिया और मेरी शादी १२ दिसम्बर २००५ को मेरे पिताजी की जीवित अवस्था मैं हुई - मुजे एक लड़का भी है जिसका नाम हर्ष है। यह मेरे पिताजी का ही अस्शिर्वाद है।
इसका जन्म के समय की एक रोचक घटना आपको बताना छाता हूँ। मेरे हर्ष का जन्म ११ नवम्बर २००६ को रात्रि १०-३५ पर हुआ और मैंने पिताजी को यह ख़बर सुनाने गया ही था की बीमार अवस्था मैं मेरे पिताजी ने कहा की मुजे बड़ा ही हर्षा हुआ है।
और इसी वजह से मैंने और मेरी पत्नी ने मिलकर उसका नाम हर्ष रखा।
सुबह जब मैंने कंप्यूटर से कुंडली निकले तो उसकी कर्क राशी थी। पंडित से पूछने पर पंडितजी ने बताया की इसका नाम आप इसके दादाजी की इच्छानुसार ही रखे। और हमने उसका नाम हर्ष रखा और मेरी दूकान का नम भी हर्ष कंप्यूटर रखा।
आज १ वर्ष होने को आया मेरी दुकान काफी अच्छी चल रही। है।
मेरे पिताजी का देहांत ३ मई २००७ को हुआ ।
सारी दुनिया मैं कौन किसका होता है।
बाप बेटे का बेटा बाप का होता है।
मैंने मेरे पीता की की तन मन से सेवा
इसी का फल मुजे मिला है
खा रहा हूँ रोज मेवा ।
छाहे कितनी ही तकलीफें आयें
जीवन मैं कभी नही भूलना
माँ बाप को वाही तो लाये
इस दुनिया मी हमें
दुनिया दिखाने कऔर प्रथम अधिकार
उनको ही है। क्यों बुढापे मैं उनको
ठुकराते हो। क्या कल तुम बुधे नही होओगे
जब क्या तुम्हारी औलाद तुम्हे हाथ साथ देगी
नही--------- वो तो तुम्हारी भी मजे लेगी
मटरू देवो भाव पितृ देवो भाव
यह मेरे पूज्य पिताजी को समर्पित।
मेरा जीवन १७ साल की उम्र से बड़ा संघर्षमय पर्तिष्ठितियों से गुजरा है। इसलिए मैं कड़ी मेहनत पर और इश्वर पर विश्वास रखते हुए सभी काम पूर्ण करने का जी-तोड़ प्रयास करता हूँ। आज भी मैं सुबह ९ बजे से रात्रि १० बजे तक कड़ी म्हणत करता हूँ।
मैंएस अभी कंप्यूटर कोचिंग एवं Saybar Kafe क्य्ब्ले कैफे चालू किया है।
और स्क्रीन प्रिंटिंग भी मेरी दुकान मी शुरू हो गई है।
जीस किशी को भी लाभ लेना हो। ले जावें.
सेंध्वा तहसील मे वेसे तो कंप्यूटर की कई दुकाने है परन्तु सबसे पुरानी और सबसे अच्छी दुकान है किरण कंप्यूटर जिसका वर्तमान मे नाम परिवर्तन कर दीया है अभी इस दूकान का नाम है हर्ष कोम्पुतेर्स एवं इंटरनेट इस दूकान की एक खासियत य है की इस दुकान का यानि की मैं लाक्स्मन सोनी लाक्स्मन सोनी पिच्च्ले १५ सालों से कंप्यूटर एवं इंटरनेट के कार्य करता आ रहा हूँ। जीस कारन से मेरा कार्य अत्यन्त शुद्ध एवं त्रुत्री विहीन होने के वजह से लोग मुजे पसंद करते है। मैं १२ वी तक पढ़ा और गरीबी परिस्थिति के कारन मैंने पढ़ाई छोधाकर हिन्दी इंग्लिश मराठी टाइपिंग की परीक्षाएं पास कर ली एवं कंप्यूटर का महाराष्ट्र से MSCITka Diploma 83% से उत्तीर्ण कर लिया है। मेरी दूकान २००३ मैं मैंने बैंक ऑफ़ इंडिया से प्रधान मंत्री रोजगार योजना मैं लोन लेकर शुरुआत की थीई एवं फोटो कापी मशीन के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से लोन लिया था। और इस तरह MehanaT से मैंने अपना मुकाम पा लिया और मेरी शादी १२ दिसम्बर २००५ को मेरे पिताजी की जीवित अवस्था मैं हुई - मुजे एक लड़का भी है जिसका नाम हर्ष है। यह मेरे पिताजी का ही अस्शिर्वाद है।
इसका जन्म के समय की एक रोचक घटना आपको बताना छाता हूँ। मेरे हर्ष का जन्म ११ नवम्बर २००६ को रात्रि १०-३५ पर हुआ और मैंने पिताजी को यह ख़बर सुनाने गया ही था की बीमार अवस्था मैं मेरे पिताजी ने कहा की मुजे बड़ा ही हर्षा हुआ है।
और इसी वजह से मैंने और मेरी पत्नी ने मिलकर उसका नाम हर्ष रखा।
सुबह जब मैंने कंप्यूटर से कुंडली निकले तो उसकी कर्क राशी थी। पंडित से पूछने पर पंडितजी ने बताया की इसका नाम आप इसके दादाजी की इच्छानुसार ही रखे। और हमने उसका नाम हर्ष रखा और मेरी दूकान का नम भी हर्ष कंप्यूटर रखा।
आज १ वर्ष होने को आया मेरी दुकान काफी अच्छी चल रही। है।
मेरे पिताजी का देहांत ३ मई २००७ को हुआ ।
सारी दुनिया मैं कौन किसका होता है।
बाप बेटे का बेटा बाप का होता है।
मैंने मेरे पीता की की तन मन से सेवा
इसी का फल मुजे मिला है
खा रहा हूँ रोज मेवा ।
छाहे कितनी ही तकलीफें आयें
जीवन मैं कभी नही भूलना
माँ बाप को वाही तो लाये
इस दुनिया मी हमें
दुनिया दिखाने कऔर प्रथम अधिकार
उनको ही है। क्यों बुढापे मैं उनको
ठुकराते हो। क्या कल तुम बुधे नही होओगे
जब क्या तुम्हारी औलाद तुम्हे हाथ साथ देगी
नही--------- वो तो तुम्हारी भी मजे लेगी
मटरू देवो भाव पितृ देवो भाव
यह मेरे पूज्य पिताजी को समर्पित।
मेरा जीवन १७ साल की उम्र से बड़ा संघर्षमय पर्तिष्ठितियों से गुजरा है। इसलिए मैं कड़ी मेहनत पर और इश्वर पर विश्वास रखते हुए सभी काम पूर्ण करने का जी-तोड़ प्रयास करता हूँ। आज भी मैं सुबह ९ बजे से रात्रि १० बजे तक कड़ी म्हणत करता हूँ।
मैंएस अभी कंप्यूटर कोचिंग एवं Saybar Kafe क्य्ब्ले कैफे चालू किया है।
और स्क्रीन प्रिंटिंग भी मेरी दुकान मी शुरू हो गई है।
जीस किशी को भी लाभ लेना हो। ले जावें.
Thursday, April 24, 2008
Subscribe to:
Posts (Atom)