काम करना वैसे भी अपने आप में एक महान कार्य होता है। जो कार्य आप अपने जीवन में जितनी बार कर सकते है वह कार्य अच्छा एवं समाज, लोगों, तथा आसपास के लोगों के हित को देखते हुए किया गया है या नहीं उसी प्रकार आपके सभी कार्यो को ईश्वर की अनुकम्पा का होना भी अतिआवश्यक है । इसी प्रकार मुझ पर श्री गणेश मंदिर तथा भैरव मंदिर के परमपूज्य पुजारी श्री नत्थूप्रसादजी जोशी जिन्हे समस्त सेंधवावासी "भैरव बाबा" कहकर पुकारते थे । उनका स्वर्गवास+ दिनांक ०३ मई २००९ रविवार शाम ७.३० पर हो गया है।
वे हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तथा हमारे पिता समान थे हमें रोजमर्रा किसी भी प्रकार की परेशानी से उबारने हेतु वे हमेशा अपनी कोई न कोई राय याउपाय हमेंशा बताते थे उनकी कमी तो मुझे पूरी जीवन भर खलती रहेगी ।
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