Tuesday, May 5, 2009

घ्ार बैठे आप कमा सकते है २०००से ४०० रू राेज

आज िदनांक 03मई २००९ है किन्तु यह िदनांक भ्ाी उतनी ही यादगार है िजतनी ०३ मई २००७ क्योंकि मेरे परम पूज्य िपताजी श्री गुरूदेवदत्त जो हमारे ईष्ट देव थ्ो लेकिन मेरे िपताजी की अंितम इच्छा यही थ्ाी कि वे अंितम समय से पहले हमारे गुरूदेवदत्त का जन्मस्थ्ाान गाण्ागापुर कर्नाटक गुलबर्ग्रा के पास में िस्थ्ात है। यहां पर तीन स्थ्ाान अितमहत्वपूर्ण्ा माने जाते है १ कर्मस्थ्ाान, भ्ाकितस्थ्ाान, मुकितस्थ्ाान अर्थ्ाात् पहले कमर् करो तदनंतर भ्ाकित करो तभ्ाी मुकित का मागर् संभ्ाव है। वहां पर मुकितस्थ्ाान े दशार्न भ्ाीमा नदी के पास होते है। यहां पर भ्ास्म का पहाड़ भ्ाी िस्थ्ात है जहां से भ्ास्म लाकर हमने संभ्ाालकर रख्ाी ै। कहते हैं कि यह भ्ास्म िजस किी के घ्ार में िस्थ्ात होगी वहां पर कभ्ाी अकाल मृत्यु, कई दुघ्ार्टना चोरी, एवं गरीबी कभ्ाी नहीं आती है। स्वयं दत्तभ्ागवान ने यहां पर माहुर गढ से मां के पास से आकर िभ्ाक्ष्ाा मांगकर अपना जीवनयापन करते थ्ो।
इसिलए यहां पर जो भ्ाी व्यकित िबना िभ्ाक्ष्ाा मांगे दशार्न कर आ जाता है उसंे यहां के दशार्न लागू नहीं पडते । मेरे साथ्ा की एक आशचर्यजनक घ्ाटना अापको सुनाता हूं। मेरे िपताजी की परम आशाीर्वाद से मैं १२ वी के बाद पढ नहीं सका किन्तु कम्प्यूटर के क्ष्ोत्र में इतना नाम कमाया कि मुझे कभ्ाी मेरे कम पढााई से कोई प्राब्लम नहीं हुई। आज मैं अपने पुत्र हर्ष् के नाम से हर्ष् कम्प्यूटर के नाम से दुकान डाली है । मैं जब गाण्ागाापुर पहुंचा तो जीप से उतरते ही एक साध्ाु बाबा जो बहुत शराबी थ्ो उन्होने मुझे देख्ाते ही कहां कम्प्यूुटर चलाता है तो अपने आपकाो बहुत होिशायार समझता है। मैं दंग रह गया मैने उन्हे प्रण्ााम किया बाबा मैं नहीं जानता आप कौन है परन्तु मैं आपको सादर दंडवत करता हू। कृपया मुझे बताये कि हम यहां के पवित्र दर्शन कैसे प्राप्त करे।
तो यह थ्ाी मेरे साथ्ा जुडी एक घ्ाटना किन्तु अपना िवष्ाय अलग थ्ाा_
मेरे िपताजी गुरूदेव दघ्त्त के भ्ाक्त थ्ो तो वे गुरूवार ३ मई २००७ को शाांत हुए। उन्होने भ्ाी स्वगर् में प्रवेशा िलया।
तथ्ा मेरे इष्ट श्री कालभ्ौरव नाथ्ा के परम पूज्य पूजारी स्व। श्री नत्थ्ाूप्रसाद जी जोशाी जो सुदामा का__लोनी में िनवास करते है। उनका देहांत ३ मई २००९ रविवार को हुआ वे भ्ाी भ्ौरवजी के परमभ्ाक्त थ्ो तो उन्श्होने रवीवार को अपने प्राण्ाो का त्याग किया । अर्थ्ाात इन दोनों ने अपने अपने इष्टदेवों के िदन ही अपनेा िनवार्ण्ा िदवस चुना ।

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